भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
मुडा घोटाले में किसी केंद्रीय एजेंसी ने जांच नहीं की है, बल्कि कर्नाटक के लोकायुक्त अदालत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को आरोपी नंबर-वन बनाया गया है और उनके परिवार के सदस्यों को भी आरोपी बनाया है, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार है।
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क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी भ्रष्टाचार के आरोपी नंबर-वन सिद्धारमैया के साथ खड़े हैं या नहीं?
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक के रहने वाले हैं, वो कर्नाटक कांग्रेस सरकार के चरम भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं?
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हरियाणा में एक वायरल वीडियो में कांग्रेस के प्रत्याशी खुलकर कह रहे हैं कि विधायक बनने के बाद पहले अपना घर भरेंगे और उसके बाद रिश्तेदारों के घर भरेंगे।
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कर्नाटक के मुडा घोटाला में जो बातें सामने आयी हैं, उससे साफ हो गया है कि हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशी जो कह रहे हैं, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री उसे कार्यान्वित कर रहे हैं।
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कांग्रेस की प्रवृत्ति ही है कि सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार करके सैकड़ों-हजारों करोड़ रुपए से अपने रिश्तेदारों की जेब भरते हैं और जनता को लॉलीपॉप के रूप में कुछ हजार रुपए की थोड़ी सहुलियत दे देते हैं।
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कांग्रेस की भ्रष्टाचार करने की प्रवृत्ति का स्पष्ट प्रमाण मुडा घोटाला है और कांग्रेस पार्टी को इसका जवाब देना होगा।
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दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की में आईएएस अधिकारी की पत्नी के साथ दो-ढाई माह पूर्व दुष्कर्म की घटना हुई, जिसे इंडी गठबंधन की सहयोगी ममता बनर्जी सरकार ने दबाने की कोशिश की
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कोलकाता हाईकोर्ट ने बहुत ही सख्त और गंभीर सवाल उठाए कि इस मामले की जांच में कोई महिला अधिकारी क्यों नहीं थी? पुरूष अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच क्यों करायी गयी?
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जिस थाने में और जिस समय में इस मामले की शिकायत दर्ज की गयी, उसका सीसीटीवी फूटेज उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया?
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बलात्कार की घटना 14-15 जुलाई को हुई थी। इस मामले में मेडिकल लीगल एक्जामिनेशन 20 अगस्त को कराया गया, क्यों?
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हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में सबूतों को हल्का करने और नष्ट करने का एक स्पष्ट प्रयास दिखाई पड़ता है। बलात्कार के इस मामले को हल्की धाराओं में दर्ज किया गया है।
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पश्चिम बंगाल में पुलिस अधिकारी, अपराधियों और सरकार के बीच नेक्सस है। इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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आईएएस अधिकारी की पत्नी के साथ दुष्कर्म की घटना ने उजागर कर दिया है कि पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं।
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पश्चिम बंगाल में बिहार के दो छात्रो के साथ मारपीट की घटना बहुत ही निंदनीय है। अफसोस यह है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को अपराधियों में जाति दिख जाती है, लेकिन अखिलेश यादव को विद्यार्थियों में जाति नहीं दिखी।
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इंडी गठबंधन की सहज प्रवृत्ति भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षण देने तथा भ्रष्टाचारी और अपराधियों का बचाव करने की है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कर्नाटक में लोकायुक्त अदालत द्वारा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मुडा घोटाले के आरोपी नंबर-वन बनाए जाने और कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में कार्यरत आईएएस अधिकारी की पत्नी से बलात्कार के मामले में ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाए जाने के मामले पर जमकर आलोचना की। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन की प्रदेश सरकारों में दो अलग-अलग मामलों में सत्ता का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार करने तथा पुलिस, अपराधियों और सरकार का नेक्सस उजागर हुआ है। आज पश्चिम बंगला में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आज दो विषय सामने आए हैं, जो न्यायिक प्रकिया के तहत इंडी गठबंधन के सरकारों और कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री पर सीधे तौर पर आरोप निर्धारित करने या प्रथम दृष्टया मे दोषी मानने का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार को मुडा (मैसूर अर्बन डेवलपमेंट ऑथरिटी) घोटाला मामले में सत्ता-शासन का दुरूपयोग करके जमीन लेने और बहुत बड़ी संपत्ति बनाने के लिए आरोपी बनाया गया। इस विषय में न्यायालय ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को आरोपी नंबर-वन बनाया है।
खासबात यह है कि मुडा घोटाले में किसी केंद्रीय एजेंसी ने जांच नहीं की है, बल्कि कर्नाटक के लोकायुक्त अदालत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को आरोपी नंबर-वन बनाया है और उनके परिवार के सदस्यों को भी आरोपी बनाया है, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार है।
क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी भ्रष्टाचार के आरोपी नंबर वन सिद्धारमैया के साथ खड़े है या नहीं?
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि इस जांच में कोई भी केंद्रीय एजेंसी शामिल नहीं है। कांग्रेस नेताओं का स्वयं द्वारा किए गए कृत्य एवं कारगुजारियां खुद ब खुद उजागर हुई है। संयोग से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक के रहने वाले हैं, वो कर्नाटक कांग्रेस सरकार के चरम भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सिद्धारमैया जी दिल्ली के हाईकमान के प्रति अपना अभार व्यक्त कर चुके हैं, उनके अनुसार उनको मुख्यमंत्री बनाने और उन्हें बचाने में हाईकमान की बड़ी भूमिका रही है। सिद्धारमैया जी हर प्रयास कर रहे हैं कि मुडा घोटाले की व्यवस्थित रूप से जांच न हो, इसकी जांच किसी बड़ी जांच एजेंसी को न सौंपी जाए।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के चंद दुलर्भ केसों में यह केस भी शामिल है, जिसमें सीटिंग मुख्यमंत्री को प्रथम आरोपी बनाया गया है। अब राजनीति में नई सोच लाने और 99 से लबरेज हो रहे राहुल गांधी बताएं कि वे आरोपी नंबर-वन के साथ खड़े हैं या नहीं?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के एक प्रत्याशी का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी खुलेआम कह रहे हैं कि विधायक बनने के बाद पहले अपना घर भरेंगे और उसके बाद रिश्तेदारों के घर भरेंगे। कर्नाटक के मुडा घोटाला में जो बातें सामने आयी हैं, उससे साफ हो गया है कि हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशी जो कह रहे हैं, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री उसे कार्यान्वित भी कर रहे हैं।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि लोकायुक्त अदालत ने यह भी अब्जर्वेशन दिया है कि मुडा घोटाले में 1998 से आजतक अनेक मौकों पर सीएम सिद्धारमैया जी की संलिप्तता रही है। राहुल गांधी के परिवार ने भ्रष्टाचार की जो फितरत शुरू की थी, अब उसे कांग्रेस नेताओं ने अपना लिया है। कांग्रेस के “प्रथम परिवार” गांधी परिवार पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे। कांग्रेस पार्टी के नेताओं को लगने लगा कि उनके (गाँधी परिवार) के दामाद के बारे में जो हो रहा है, तो वे अपने-अपने दामाद और भाई-भतीजा के लिए भी कुछ काम क्यों न करे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि यह सिर्फ संवैधानिक और न्यायिक विषय नहीं है, बल्कि कांग्रेस की प्रवृत्ति का भी प्रतीक है कि सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार करके कांग्रेस नेता सैकड़ों-हजारों करोड़ रुपए से अपने रिश्तेदारों की जेबें भरते हैं और जनता को लॉलीपॉप के रूप में कुछ हजार रुपए की थोड़ी सहुलियत देते हैं। कांग्रेस की भ्रष्टाचार करने की प्रवृत्ति का स्पष्ट प्रमाण मुडा घोटाला है और कांग्रेस पार्टी को इसका जवाब देना होगा।
पश्चिम बंगाल में आईएएस अधिकारी की पत्नी के साथ दुष्कर्म, ममता बनर्जी सरकार द्वारा उसे दबाने की कोशिश
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट में एक बहुत ही दुर्दांत और दुस्साहसी घटना सामने आई है। पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की सरकार में अपराधियों का मनोबल इतना अधिक बढ़ गया है कि ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी की सरकार अपराधियों के हाथों बंधक बन गयी है। इससे पहले संदेशखाली की घटना में यह उजागर हो चुका है। हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या मामले में भी यही बातें सामने आयी है। ममता बनर्जी की सरकार ने इस मामले में निर्लज्जता के साथ आरोपियों का बचाव किया।
14-15 जुलाई को एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी की पत्नी के साथ दुष्कर्म किया जाता है। बाद में, ममता बनर्जी सरकार की पुलिस द्वारा इस मामले को दबाने की कोशिश की जाती है। इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने बहुत ही सख्त और गंभीर सवाल उठाए हैं कि इस मामले की जांच में कोई महिला अधिकारी क्यों नहीं थी? पुरूष अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच क्यों करायी गयी? जिस थाने में और जिस समय इस मामले की शिकायत दर्ज की गयी है, उसका सीसीटीवी फूटेज उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया?
बलात्कार की घटना 14-15 जुलाई को हुई थी। इस मामले में मेडिकल लीगल एक्जामिनेशन 20 अगस्त को कराया गया। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि सबूतों को हल्का करने और नष्ट करने का एक स्पष्ट प्रयास दिखाई पड़ता है। बलात्कार के इस मामले को हल्की धाराओं में दर्ज किया गया है। कोलकाता हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। डिप्टी कमिश्नर स्तर के किसी महिला अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच करानी चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि आईएएस अधिकारी के पत्नी के साथ दुष्कर्म की घटना ने उजागर कर दिया है कि पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए बिलकुल सुरक्षित नहीं। इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि पश्चिम बंगाल में पुलिस अधिकारी, अपराधी और सरकार के बीच नेक्सस है। याद कीजिए कि बिहार में चम्पा विश्वास कांड हुआ था और उसके बाद भारत के इतिहास की सबसे दुर्दांत घटना पश्चिम बंगाल में हुई है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि महिलाओं के प्रति हो रही घटनाओं पर ममता बनर्जी सरकार की असंवेदनशीलता कितनी है, यह इस बात से पता चलता है कि टीएमसी के यूथ विंग तृणमूल छात्र परिषद के दो पदाधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के ऊपर एक लघु फिल्म बनायी है। जिसमें एक प्रकार से पीड़िता के बारे में आपत्तिजनक बातें कही गयी। पीड़िता को गलत ठहराने की कोशिश की गयी है, या इसे यह भी कहा जा सकता है कि आरोपी को सही ठहराने का प्रयास किया गया। ऐसी लघु फिल्म बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर प्रसारित किया गया। जब लोग उसका जमकर विरोध करने लगे, तब उन्हें उस लधु फिल्म को सोशल मीडिया से हटाना पड़ा। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि भले ही, सोशल मीडिया से शॉट फिल्म हट गयी हो, लेकिन उसके लांग लास्टिंग माइंड सेट यानी उनकी मानसिकता की गहरी छाप पश्चिम बंगाल और देश की जनता के सामने आ गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बिहार के दो छात्रो के साथ मारपीट की घटना बहुत ही निंदनीय है। अफसोस यह है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को अपराधियों में जाति दिख जाती है, लेकिन अखिलेश यादव को विद्यार्थियों में जाति नहीं दिखी। इस मामले पर अखिलेश यादव चुप्पी साधे। यह दर्शाता है कि इंडी गठबंधन की सहज प्रवृत्ति भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षण देने तथा भ्रष्टाचारी और अपराधियों का बचाव करने की है।
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