
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में नई दिल्ली में आयोजित नेशनल कॉमेमॉरेटिव सेमिनार में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिन्दु
दीनदयाल जी ने स्वदेशी की बात की, और आज माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर हैं।
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के तहत भारत का बजट 1.30 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। 'ऑपरेशन सिंदूर' और ब्रह्मोस की सफलता ने भारत की ताकत का परिचय दिया है।
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दीनदयाल जी कहते थे कि देश की पहचान उस व्यक्ति से होती है जो समाज की अंतिम पंक्ति में खड़ा है। इसी से प्रेरित होकर अंत्योदय के सिद्धांत को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने धरातल पर उतारा है।
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'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' की नीति दीनदयाल जी के समग्र मानववाद के सिद्धांत का ही आधुनिक स्वरूप है।
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दीनदयाल उपाध्याय जी ने जिस बीज को बोया था, आज वह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में शासन के माध्यम से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसे एक बट वृक्ष बनाना है, जो केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को दिशा दिखाए।
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गुरुजी कहा करते थे कि अगर उन्हें 4 दीन दयाल मिल जाएं तो देश में परिवर्तन ले आएंगे। अप्रतिम प्रतिभा से पंडित जी ने जनसंघ को छोटी सी अवधि में एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के रूप में स्थापित कर दिया।
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दीनदयाल उपाध्याय जी का पार्टी के साथ जुड़ाव भले ही कम समय का रहा हो, लेकिन उन्होंने उस अल्पावधि में विचारधारा के बीज बो दिए थे और उसे भारतीय जीवन दर्शन से जोड़ने का कार्य किया।
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भारत जैसा विशाल देश केंद्रीकृत प्रणाली से नहीं, बल्कि विकेंद्रीकृत प्रणाली से ही सफलतापूर्वक चल सकता है। उन्होंने कहा था कि हमें पश्चिम के मानकों पर नहीं, बल्कि भारतीय मानकों के आधार पर अपनी नीतियां बनानी चाहिए।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज रविवार को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में एकात्म मानवदर्शन पर आयोजित नेशनल कॉमेमॉरेटिव सेमिनार को संबोधित किया। श्री नड्डा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा सृजित एकात्म मानववाद की विचारधारा के दूरगामी सकारात्मक परिणाम है। आधुनिक काल में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा अंत्योदय के सिद्धांत से आखिरी व्यक्ति के विकास पर जोर दिया गया।
श्री नड्डा ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन को इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन में शिक्षा, संस्कृति, सतत विकास, महिला एवं युवा, सीमा सुरक्षा, सभ्यता, नियम और कर्तव्य सहित सभी विषयों को छुआ है। इस आयोजन में इस पर भी जोर दिया गया कि बौद्धिक विचार के साथ भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक विचार पर भी जोर दिया जाना चाहिए। पंडित दीन दयाल उपाध्याय एक विचारक होने के साथ ही एक नेता और एक संगठनकर्ता भी थे। इसीलिए उनके बारे में गुरूजी कहा करते थे कि अगर उन्हें 4 दीन दयाल मिल जाएं तो इस देश में युगकारी परिवर्तन ले आएं। अपनी अप्रतिम प्रतिभा के चलते पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ को छोटी सी अवधि में एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के रूप में स्थापित कर दिया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय असमय चले गए, लेकिन उन्होंने विचारधारा को पार्टी का बीच बो दिया था। जिस समय देश पर समाजवाद और पूंजीवाद सहित हर विचार में पाश्चात्य संस्कृति को आरोपित किया जाता था उस समय पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने “एकात्म मानववाद” के स्वदेशी विचार को आगे बढाया था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज से लगभग साठ वर्ष पहले, 22 से 25 अप्रैल के बीच, पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने चार दिन तक विचारधारा पर एक विस्तृत व्याख्यान दिया था। आज, लगभग साठ साल बाद यह दो दिवसीय विचार कार्यशाला अत्यंत सार्थक और समयानुकूल पहल है। आयोजक केवल एक सेमिनार तक सीमित न रहें, बल्कि इसे व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाएं। इसे विचार के स्तर पर स्थापित करने और ठोस रूप देने की जरूरत है। दीनदयाल उपाध्याय जी का पार्टी के साथ जुड़ाव भले ही कम समय रहा हो, लेकिन उन्होंने उस अल्पावधि में विचारधारा के बीज बो दिए थे और उसे भारतीय जीवन दर्शन से जोड़ दिए। दीनदयाल जी का विशेष बल भारतीय चिंतन, संस्कृति, परंपराओं और भारतीय सोच की प्रणाली पर था। ये परंपराएं कोई दो दिन में नहीं बनीं, बल्कि हजारों वर्षों के अनुभव का परिणाम हैं। इनका सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्त्व है, इसलिए हमें आर्थिक दृष्टि से भी स्वदेशी सोच को प्रतिपादित करने की आवश्यकता है।
श्री नड्डा ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश केंद्रीकृत प्रणाली से नहीं, बल्कि विकेंद्रीकृत प्रणाली से ही सफलतापूर्वक चल सकता है। इसी कारण दीनदयाल जी ने विकेंद्रीकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा था कि हमें पश्चिम के मानकों पर नहीं, बल्कि भारतीय मानकों के आधार पर अपनी नीतियां बनानी चाहिए। जब उन्होंने यह बात कही थी, तब शायद यह असंभव प्रतीत होता था, लेकिन आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय मानकों को स्थापित कर रहे हैं। दीनदयाल जी ने स्वदेशी की बात की, और आज भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से अग्रसर हैं। मोबाइल निर्माण में भारत आज दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। खिलौनों के क्षेत्र में भी भारत तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है, ऑटोमोबाइल उद्योग में भी भारत तीसरे स्थान पर है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के तहत भारत का बजट 1.30 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' और ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता ने भी भारत की ताकत का परिचय दिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा ने कहा कि जब वे विद्यार्थी हुआ करते थे तब अक्सर पूछा करते थे कि संगठनात्मक कार्यों के साथ-साथ आर्थिक मॉडल क्या है, तो उत्तर मिला करता था कि दीनदयाल जी का आर्थिक चिंतन एक संपूर्ण दर्शन का हिस्सा है। आज अगर अंत्योदय के सिद्धांत के साथ 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' की नीति को देखा जाए, तो यह दीनदयाल जी के समग्र मानववाद का ही आधुनिक स्वरूप है। आज जो लोग पहले आर्थिक मॉडल के स्वघोषित विशेषज्ञ थे, वे बिखर चुके हैं। वहीं, भारत में भाजपा सरकार अंतिम व्यक्ति के कल्याण की बात करती है। दीनदयाल जी कहते थे कि देश की पहचान उस व्यक्ति से होती है जो समाज की अंतिम पंक्ति में खड़ा है। इसी सोच से प्रेरित होकर अंत्योदय के सिद्धांत को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने धरातल पर उतारा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को पाँच किलो गेहूँ-चावल और एक किलो दाल दिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं। महिलाओं को सशक्त करने के लिए उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिए गए। यह केवल जीवन की गुणवत्ता सुधारने का नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी कार्य है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अब तक 4 करोड़ पक्के मकान बनाए गए हैं, और 2029 तक 3 करोड़ नए मकान बनने हैं, जिनमें 75% मकान महिलाओं के नाम हैं। यह महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ गरीबों का सम्मान भी है। 12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण स्वच्छता और सम्मान की दिशा में बड़ा कदम है। ये वे कार्य हैं जो केवल नारे नहीं, जमीनी बदलाव लाते हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि किसानों के लिए प्रधानमंत्री सम्मान निधि, सॉयल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से अब तक 1.35 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों को मिले हैं। फसल बीमा योजना में 36,000 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 19 किस्तों में 12 करोड़ किसानों को सहायता मिली है, जिनमें 2.5 करोड़ महिलाएं भी शामिल हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने महिलाओं, किसानों और समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है। सांस्कृतिक दृष्टि से भी आज भारत औपनिवेशिक सोच से बाहर आकर स्वदेशी मानसिकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह प्रेरणा एकात्म मानववाद से प्राप्त हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा ने कहा कि महेश जी इस विचारधारा के प्रकांड विद्वान हैं, और गुरुमूर्ति जी ने आज इसके अनेक आयामों को हमारे सामने रखा है। भारतीय परंपराओं, ऋषियों के चिंतन और हमारी सांस्कृतिक विरासत से निकले इस विचार को हमें संगठित और स्थायी रूप देना चाहिए। पीपीआरसी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन, एकात्म मानव दर्शन केंद्र और प्रभात प्रकाशन सभी मिलकर इस विचारधारा को स्थायित्व और गति प्रदान करें। विचारधारा कोई स्थूल या स्थिर तत्व नहीं होती, वह समय के साथ नए आयाम जोड़ती रहती है। हमें इन नए पहलुओं को समझकर अपने चिंतन में समाहित करना चाहिए। दीनदयाल उपाध्याय जी ने जिस बीज को बोया था, आज वह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में शासन के माध्यम से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसे एक वटवृक्ष बनाना है, जो केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को दिशा दिखाए।
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