भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद श्री रविशंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
राहुल गांधी का मानना है कि ‘मैं जब भी विदेश जाऊंगा, हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद है, मेरी फितरत और कोशिश है कि हंगामा बढ़ते रहना चाहिए।’
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आरक्षण का विरोध कांग्रेस की विरासत है। राहुल गांधी के मन में आरक्षण के प्रति जो पूर्वाग्रह है, आज वो सबके सामने आ गया है।
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पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा कहा था कि आरक्षण को लागू कर योग्यता को खत्म नहीं करना चाहिए, इंदिरा गांधी ने आरक्षण के खिलाफ बयान दिया, राजीव गांधी ने मंडल कमीशन का विरोध किया और अब राहुल गांधी भी उसी राह पर चल रहे हैं।
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यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र है कि वे अवसर मिलते ही आरक्षण को खत्म कर देंगे। कांग्रेस आरक्षण और दलित, आदिवासी तथा ओबीसी के हितों का विरोध करती है।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और आदिवासियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और भाजपा राहुल गांधी के आरक्षण को खत्म करने के हर प्रयास का विरोध करेगी।
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आरक्षण का झंडा उठाने वाले इंडी गठबंधन के नेता राहुल गांधी के इस बयान पर चुप्पी साधे बैठे हैं। इंडी गगठबंधन की चुप्पी का क्या कारण है? लालू यादव, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, शरद पवार, वामपंथी पार्टियाँ, डीएमके – सब के सब चुप क्यों हैं?
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राहुल गांधी आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं, मगर कांग्रेस के नेता का पद उनके लिए आरक्षित है। कांग्रेस में यह स्थान किसी दलित, ओबीसी या आदिवासी को नहीं मिल सकता है।
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भाजपा ने पिछड़े वर्ग से आने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और आदिवासी समाज की बेटी को राष्ट्रपति बनाया। भाजपा ने कई राज्यों में एससी और ओबीसी वर्ग से आने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री बनाया।
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राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं, तो भारत को बदनाम करते हैं। उनका मिशन वैश्विक मंच पर भारत को नीचा दिखाना और केवल अपमानित करना है। राहुल गांधी का चीन के प्रति जो प्रेम है वो विदेश में जाकर हद से ज्यादा निखर कर बाहर आता है।
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राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर “भारत राष्ट्र नहीं, राज्यों का संघ है”, "यूरोप-अमेरिका को भारत के लोकतंत्र में दखल देना चाहिये”, “देश में मिट्टी का तेल छिड़क दिया गया है, चिंगारी की जरूरत है” जैसे कई देश को अपमानित करने वाले बयान दिए।
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इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गाँधी के बारे में जिस शब्द का उपयोग किया था, आज के राहुल गाँधी के बयान उनकी आशंकाओं को सत्यापित भी करती है।
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद श्री रविशंकर प्रसाद ने आज केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुआ कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मन में आरक्षण के प्रति जो पूर्वाग्रह है, आज वो सबके सामने आ गया है। आरक्षण का विरोध कांग्रेस की विरासत है। श्री प्रसाद ने कहा कि यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र है कि वे अवसर मिलते ही आरक्षण को खत्म कर देंगे। कांग्रेस आरक्षण विरोधी है और दलित, आदिवासी तथा ओबीसी के हितों का विरोध करती है।
श्री प्रसाद ने कवि दुष्यंत कुमार की पंक्ति दोहराते हुए कहा कि ‘हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी फितरत है कि तस्वीर और तकदीर बदलनी चाहिए।’ मगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे दूसरे तरीके से समझ लिया है। उनका मानना है कि ‘मैं जब भी विदेश जाऊंगा, हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद है, मेरी फितरत और कोशिश है कि हंगामा बढ़ते रहना चाहिए।’ राहुल गांधी संविधान की प्रति को लेकर घूमते हैं, मगर शायद उन्हें यह भी नहीं पता कि मौलिक अधिकारों के चैप्टर में कितने आर्टिकल हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि संविधान को बचाने की दुहाई देने और दावा करने वाले राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा कि जब स्थितियां बनेंगी, हम आरक्षण को खत्म कर देंगे। राहुल गांधी के मन में आरक्षण के प्रति जो पूर्वाग्रह है, आज वो सबके सामने आ गया है। आरक्षण का विरोध कांग्रेस की विरासत है। जवाहर लाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को अपनी चिट्ठियों में कहा था कि आरक्षण लागू करके योग्यता को खत्म नहीं करना चाहिए। इंदिरा गांधी ने आरक्षण के खिलाफ बयान दिए, राजीव गांधी ने खुलेआम मंडल कमीशन का विरोध किया था, और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था और अब राहुल गांधी भी उसी राह पर चल रहे हैं। राहुल गांधी जिस संविधान को बचाने की बात करते हैं, उसी संविधान के साथ सबसे बड़ा छलावा और धोखा कर रहे हैं। बाब साहब अंबेडकर के प्रयासों के कारण देश में लोगों को आरक्षण का अधिकार प्राप्त हुआ। आरक्षण व्यवस्था में एससी, एसटी, ओबीसी और अति पिछड़ों को शिक्षा, नौकरी आदि में आरक्षण मिल और एससी और एसटी वर्ग के लोगों को विधानसभा और लोकसभा में भी आरक्षण दिया गया।
श्री प्रसाद ने पूछा कि अमेरिका के एक बड़े विश्वविद्यालय में राहुल गांधी की इस टिप्पणी का क्या मतलब है? राहुल गांधी देश के किसी कोने में भाषण नहीं दे रहे थे, बल्कि उन्होंने यह टिप्पणी अमेरिका में एक मशहूर पत्रकार के सामने सवालों का जवाब देते हुए की है। यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र है कि वे अवसर मिलते ही आरक्षण को खत्म कर देंगे। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी है और दलित, आदिवासी तथा ओबीसी के हितों का विरोध करती है। राहुल गांधी आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं, मगर कांग्रेस पार्टी के नेता का पद परिवार के नाम पर उनके लिए आरक्षित है। कांग्रेस में यह स्थान किसी दलित, ओबीसी या आदिवासी को नहीं मिल सकता है। कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा भी रहे, मगर उसके नेता राहुल गांधी ही रहेंगे। राहुल गांधी ने संविधान की भावनाओं के विपरीत अपने लिए आरक्षण करवा लिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री प्रसाद ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी है, जिसके लिए पार्टी में सबकुछ उनके परिवार के लिए ही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी है जिसे दो बार देश के राष्ट्रपति चुनने का अवसर मिला। एक बार दलित वर्ग से आने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तित्व आदरणीय रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति पद पर सुशोभित किया और दूसरी बार आदिवासी समाज से आने वाली बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाया। भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यों में लगातार एससी-एसटी और ओबीसी समुदायों से आने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाया है। श्री प्रसाद ने श्री कल्याण सिंह, श्री शिवराज सिंह चौहान, श्री सुशील मोदी, श्री गोपीनाथ मुंडे, श्री सम्राट चौधरी, श्री विष्णुदेव साय और श्री मोहन यादव जैसे नेताओं का हवाला दिया, जो सभी पिछड़े समाज से आते हैं। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वयं पिछड़े वर्ग से आते हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी के असली इरादे उजागर हो गए हैं, संविधान की रक्षा करने का उनका वादा केवल दिखावा है। कांग्रेस पार्टी ने समाचारों पर प्रतिबंध सहित मीडिया पर भी रोक लगाने के काम किया है। संविधान का सम्मान करने के कांग्रेस के दावों की पोल तब खुली जब कांग्रेस पार्टी ने इमरजेंसी फिल्म का विरोध किया, जिसमें आपातकाल के दौरान के काले दौर को दिखाया गया है। जब मीडिया पर सेंसरशिप लगाई गई थी और न्यायपालिका को दरकिनार कर दिया गया था। जब भी राहुल गांधी विदेश यात्रा करते हैं, तो वे लगातार भारत को बदनाम करते हैं। उनका मिशन वैश्विक मंच पर देश को नीचा दिखाना और अपमानित करना है। राहुल गांधी ने पूर्व में भी अपने भारत विरोधी एजेंडों को समर्थित दावे किए है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश यात्राओं के दौरान कई विवादित बयान दिए हैं। मार्च 2023 में, उन्होंने लंदन में टिप्पणी कि "भारत राज्यों का एक संघ है" और दावा किया कि देश के संघीय ढांचे पर हमला हो रहा है, यहां तक कि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यूरोप और अमेरिका को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, "भारत की आवाज़ दबा दी गई है," कश्मीर को "हिंसा का स्थान" बताया, पुलवामा हमले को केवल "कार विस्फोट" के रूप में कम करके आंका। इसके अतिरिक्त, राहुल गांधी ने चीन के विकास की प्रशंसा की। 2022 में, लंदन में राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन की कार्रवाइयों की तुलना रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से की। उन्होंने भारतीय विदेश सेवा की भी आलोचना की, जिससे भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों में असंतोष फैल गया। 2021 में, ब्राउन यूनिवर्सिटी में, उन्होंने विवादास्पद रूप से मुअम्मर गद्दाफी और सद्दाम हुसैन द्वारा जीते गए चुनावों की तुलना भारतीय चुनावों से की, जो भारतीय लोकतंत्र का स्पष्ट अपमान था। 2018 में, मलेशिया में रहते हुए, उन्होंने कहा कि वे नोटबंदी प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर देते।
श्री प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी का चीन के प्रति जो प्रेम है वो विदेश में जाकर हद से ज्यादा निखर कर बाहर आता है। राहुल गांधी रूस-यूक्रेन युद्ध की तुलना चीन और अरुणाचल से करते है, विदेशी जमीन पर जाकर कहते है चुनाव जीतना कोई बड़ी बात नहीं है, सद्दाम हुसैन और गद्दाफ़ी भी जीतते है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा ने कहा कि “राहुल गांधी पप्पू नहीं है बल्कि एक समझदार व्यक्ति है” जो उनकी आशंकाओं को सत्यापित भी करती है। आरक्षण का झंडा उठाने वाले इंडी गठबंधन के नेता इस बयान पर चुप्पी साधे बैठे हैं। इंडी गगठबंधन की चुप्पी का क्या कारण है? लालू यादव, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, शरद पवार, वामपंथी पार्टियाँ, डीएमके – सब के सब चुप क्यों हैं?
भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री प्रसाद ने कहा कि भाजपा कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आरक्षण को खत्म करने के हर प्रयास का विरोध करेगी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और आदिवासियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा ही ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा भी दिया गया है। भाजपा के कार्य स्वयं बोलते हैं और दलित और ओबीसी के विकास के लिए किए गए कार्यों में दिखाई पड़ते हैं और पार्टी इन प्रयासों को जारी रखेगी। राहुल गांधी की टिप्पणियों ने आरक्षण के प्रति उनके रुख को उजागर कर दिया है, जो पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी द्वारा व्यक्त किए गए आरक्षण विरोधी विचारों को प्रतिध्वनित करता है।
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