भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और केंद्रीय मंत्री श्रीमति स्मृति ईरानी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी के गुंडे, हिन्दू समाज के दलित, जनजातीय, मच्छीमार समाज और किसान परिवार की महिलाओं को चिन्हित कर उनका बलात्कार कर रहें हैं, मगर टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बंदोपाध्याय चुप्पी साधे बैठी हैं।
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अब तक प्रश्न उठता था कि शेख शाहजहां कौन है? मगर अब ममता बंदोपाध्याय से प्रश्न है कि शेख शाहजहां कहां है? इन ग्रामीण अंचल की औरतों ने स्थानीय मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानी सुनाई।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बंदोपाध्याय ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए एससी, एसटी, मछुआरा समुदाय और किसान परिवार की महिलाओं की गरिमा का सौदा किया है।
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वर्तमान में बंगाल सरकार ने संदेशखाली में धारा 144 लगाई है, ताकि वे महिलाओं के साथ-साथ मीडिया को भी ऐसे मुद्दे उठाने से रोक सकें।
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ईडी अधिकारियों पर जानलेवा हमला करने वाला टीएमसी नेता शेख शाहजहां इस मामले का मुख्य आरोपी है, ममता बंदोपाध्याय को बताना होगा कि आखिर शेख शाहजहां कहां हैं?
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भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और केंद्रीय मंत्री श्रीमति स्मृति ईरानी ने सोमवार को केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री ने प्रेस वार्ता में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई दुखद घटना के बारे में बताते हुए संदेशखाली की महिलाओं की व्यथा से देश को अवगत कराया। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि विशेषकर हिन्दु परिवारों की बहुओं को चिन्हित किया जाता था और टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके गुंडों द्वारा रात-बेरात महिलाओं को उठा लिया जाता था।
श्रीमति स्मृति ईरानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कुछ महिलाओं ने मीडिया को बांग्ला में अपनी व्यथा बतायी। यह संभव है कि बांगला न समझने वाले लोग उन महिलाओं की क्रोध, व्यथा और अवस्था को न समझ पाए हों। उन महिलाओं ने जो बांग्ला में कहा, उसका हिंदी अनुवाद राष्ट्र के सम्मुख रखना आवश्यक है। बांग्ला भाषा में उन महिलाओं ने पत्रकारों से गुहार लगाते हुए कहा कि “टीएमसी कार्यकर्ता घर-घर जाकर देखते थे कि किस घर की कौनसी बहु सुंदर है। उम्र में कौन कम है। जिन औरतों को चुना जाता था, उनके पतियों से कहा गया कि तुम इनके पति हो सकते हो, मगर तुम्हारा इन पर कोई अधिकार नहीं। रात-बेरात हमें उठा कर ले जाया जाता था। जबतक टीएमसी के गुंडों का मन नहीं भरता था, तबतक इन महिलाओं को टीएमसी गुंडे अपने पास रखते हैं।”
तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा संदेशखाली की दलित, जनजातीय, मच्छीमार समाज और किसान समाज के परिवार बंगाल के स्थानीय पत्रकार से गुहार लगते हुए कहा कि टीएमसी द्वारा पाले-पोसे गुंडे, विशेष रूप से हिंदू परिवारों की महिलाओं को चिन्हित करते हैं। टीएमसी प्रमुख और बंगाल की मुखमंत्री ममता बंदोपाध्याय के प्रतिनिधि शेख शाहजहां इस कृत्य के मुख्य आरोपी हैं। जब ईडी अफसरों पर टीएमसी के 1000 गुंडों ने जानलेवा हमला किया गया, तब भी शेख शाहजहां का नाम ही प्रमुखता से सामने आया था। ईडी को विवश होकर बयान देना पड़ा था कि ईडी के तीन अफसर पर जानलेवा हमला किया गया। अब तक प्रश्न उठता था कि शेख शाहजहां कौन है? मगर अब ममता बंदोपाध्याय से प्रश्न है कि शेख शाहजहां कहां है? इन ग्रामीण अंचल की औरतों ने स्थानीय मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानी सुनाई।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में बंगाल सरकार ने संदेशखाली में धारा 144 लगाई है, ताकि वे महिलाओं के साथ-साथ मीडिया को भी ऐसे मुद्दे उठाने से रोक सकें। ममता बंदोपाध्याय हिन्दू नरसंहार कर, लोगों की ज़िंदगी के साथ सौदा कर, अपनी सत्ता का साम्राज्य चला रही है और यह बात भारत की पूरी जनता जान रही है। टीएमसी के गुंडे घर-घर जाकर छोटी उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहें हैं, लेकिन ममता बंदोपाध्याय इसपर कुछ नहीं बोल रहीं हैं। राज्य में ऐसा अंधा राज चल रहा है कि जो लोग इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रहें हैं, उन लोगों को विधानसभा से निष्कासित करवाया जा रहा है। संदेशखाली की महिलाएं चाहती हैं कि लोग उनकी व्यथा को समझे और पूछे कि शेख शाहजहां कहां है?
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