भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु
ममता बनर्जी बताए कि कोलकाता रेप एडं मर्डर केस में एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटें का विलंब क्यों हुआ?
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पुलिस रिकार्ड से पोस्टमार्टम चालान क्यों गायब है? भाजपा सवाल पूछती है कि क्या उस चालान से यह स्पष्ट हो जाता कि ममता बनर्जी के चहेते कोलकाता पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को बचाने की कोशिश हो रही थी?
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ममता बनर्जी की जिम्मेदारी है कि वे तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे। सवाल उठता है कि इस्तीफा क्यों? क्योंकि कोलकाता डॉक्टर बलात्कार एवं बर्बरतापूर्ण हत्या मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
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भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर की पॉलिग्राफी टेस्ट हो तथा ममता बनर्जी, पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिसिंपल संदीप घोष के फोन रिकार्ड की जांच कर सार्वजनिक की जाए, ताकि पीड़िता, उसके परिवार समेत देश की जनता को न्याय मिल सके।
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पश्चिम बंगाल समेत देश की जनता संविधान के रक्षक बनकर लड़ाई लड़ी, तो वहीं निर्ममता बनर्जी भक्षक बनी हुई हैं, जो पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री होने के साथ ही गृह मंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी हैं। यह विचारधार की लड़ाई है।
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कोलकाता बलात्कार और नृशंस हत्या के पीड़िता का पोस्टमार्टम दूसरे मेडिकल कॉलेज एडं हास्पीटल में होना चाहिए था। लेकिन, पुलिस प्रशासन द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ही कराया गया, जिस हॉस्पीटल में पीड़िता के साथ जघन्य अपराध की घटना घटी।
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राहुल गांधी पार्ट टाइम नेता हैं। विपक्ष का नेता बनने के बाद उनके कंधों पर जनता ने जो जिम्मेदारी दी है, वह लोकतंत्र पर काला धब्बा है। उन्हें यह भी नहीं पता कि विदेशी धरती पर क्या बोलना है? वे चीन के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल पाए।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार और बर्बरतापूर्ण हत्या मामले में सुनवाई के दौरान उठाए गए सवालों को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर आलोचना की। श्री भाटिया ने ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर से इस्तीफे की मांग करते हुए कई सवाल पूछे।
भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है –
· पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तुरंत इस्तीफा दें।
· ममता बनर्जी कोलकाता पुलिस कमिश्नर को अविलंब बर्खास्त करें, क्योंकि पुलिस कमिश्नर महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकता है।
· ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर की पॉलिग्राफी टेस्ट हो, ताकि ताकि पीड़िता और उसके परिवार के साथ ही देश की जनता को न्याय मिल सके।
· ममता बनर्जी, पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिसिंपल संदीप घोष के फोन कॉल रिकार्ड की जांच कर सार्वजनिक की जाए, ताकि पीड़िता, उसके परिवार समेत देश की जनता को न्याय मिल सके। हॉस्पीटल में पीड़िता के साथ जघन्य अपराध होने के बाद कितनी बार इन तीन लोगों ने आपस में बातचीत की और इन लोगों के साथ और कौन लोग इस मामले को लेकर बात कर रहे थे?
· पश्चिम बंगाल की ममता सरकार डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करे।
श्री भाटिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय मे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार एवं नृशंस हत्या मामले मे दो घंटे सुनवाई चली और उस दौरान पूरे देश का सिर शर्म से झुक गया, लेकिन “निर्ममता बनर्जी” को शर्म नहीं आयी। टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को “निर्ममता बनर्जी” ही कहना ज्यादा सही होगा। अदालत में सुनवाई के दौरान संविधान के रक्षक और संविधान के भक्षक के बीच लड़ाई हो रही थी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि संविधान के रक्षक सर्वोच्च न्यायालय है। संविधान के रक्षक भारतीय जनता पाटी है जिसने जमीन पर उतरकर पश्चिम बंगाल की जनता के साथ इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है। पश्चिम बंगाल समेत देश की जनता संविधान के रक्षक बनकर लड़ाई लड़ी, तो वहीं निर्ममता बनर्जी भक्षक बनी हुई हैं, जो पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री होने के साथ ही गृह मंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी हैं। उनको शर्म नहीं आ रही है कि वे आदलत में रेप और मर्डर की पीड़िता के पक्ष में खड़ा होना सही नहीं समझा। वे इस जघन्य अपराध के आरोपियों के साथ खड़ी दिख रही हैं।
श्री भाटिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी सरकार से कई सवाल पूछे गए। उन सवालों को लेकर भारतीय जनता पार्टी भी ममता बनर्जी से सवाल पूछती है और उनसे जवाब देने की उम्मीद करती है, क्योंकि देश की जनता भी उन सवालों का जवाब चाहती है-:
· इस मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठे कि कोलकाता रेप एडं मर्डर केस में एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटें का विलंब क्यों हुआ? जब कोई संज्ञेय अपराध होता है, तब पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि उस मामले मे तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। कोलकाता रेप और मर्डर केस में पुलिस सिर्फ अप्राकृति मौत कारण बताया गया। भारतीय जनता पार्टी इस बात को हर मंच से प्रमुखता से उठाती रही है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह सवाल पूछे जाने से भाजपा की इस बातों पर मुहर लगी है। भाजपा चाहती है कि पीड़िता को न्याय मिले और पश्चिम बंगाल की हर बहन सुरक्षित हो।
· इस मामले की सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी सरकार से पूछे गए सवालों से सिद्ध हो गया कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में शासन देने और जनता को सुरक्षा देने में विफल रही हैं। न्यायालय ने ममता बनर्जी का असली चेहरा उजागर कर दिया है। ममता बनर्जी की जिम्मेदारी है कि वे तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे। सवाल उठता है कि इस्तीफा क्यों? क्योंकि कोलकाता डॉक्टर बलात्कार एवं बर्बरतापूर्ण हत्या मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। अगर इस मामले की जाँच की विवेचना के दौरान ऐसा साक्ष्य सामने आए कि ममता बनर्जी लापरवाही करने के साथ ही इस मामलें में उनकी संलिप्तता भी थी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चल रहे आपराधिक घटनाओं की जानकारी के बाद भी ममता बनर्जी ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया और रेप-मर्डर की घटना हो जाने पर उससे जुड़े साक्ष्य मिटाने का भी प्रयास किया गया।
· कोलकाता बलात्कार और नृशंस हत्या के पीड़िता का पोस्टमार्टम दूसरे मेडिकल कॉलेज एडं हास्पीटल में होना चाहिए था। लेकिन, पुलिस प्रशासन द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ही कराया गया, जिस हॉस्पीटल में पीड़िता के साथ जघन्य अपराध की घटना घटी।
· सुनवाई के दौरान यह सवाल उठे कि पुलिस रिकार्ड से पोस्टमार्टम चालान क्यों गायब है? भारतीय जनता पार्टी ने सवाल पूछा है कि क्या उस चालान से क्या यह स्पष्ट हो जाता कि ममता बनर्जी के चहेते कोलकाता पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को बचाने की कोशिश हो रही थी? जिस पुलिस कमिश्नर ने अबतक इस्तीफा नहीं दिया है और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल इस मामले के आरोपी हैं और जिसे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। जब कलकता उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि कोलकाता रेप और मर्डर मामले का सभी रिकार्ड सीबीआई को सौंप दी जाए। भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद पोस्टमार्टम चालान गायब कहां हो गया?
· सीसीटीवी फूटेज से पता चलता कि कितने बजे आरोपी अस्पताल में आए, दुष्कर्म और हत्या किया और कितने लोग किस समय में अस्पताल से बाहर चले गए? जानकार आश्चर्य होगा कि गैर जिम्मेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पुलिस केवल 27 मिनट का सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपती है। इस तरह के रेप और बर्बरतापूर्ण की घटना की जांच के लिए कई घंटों का सीसीटीवी फुटेज की आवश्यकता नहीं था, क्या? ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
· भारतीय जनता पार्टी ने ममता सरकार से सवाल पूछे और उनसे जवाब की उम्मीद की कि क्या पीड़िता के साथ दुष्कर्म और जघन्य अपराध हो रहा था, तो क्या ममता बनर्जी की सरकार षड़यंत्र रच रही थी?
श्री भाटिया ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता जी स्वयं कहा है कि इस मामले में पश्चिम बंगाल की पुलिस उन पर दबाव बना रही थी। कुछ मीडिया में इसकी भी चर्चा हुई कि कुछ रुपए देकर इस मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया। ममता बनर्जी के इशारे पर उनके भतीजा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पीड़िता की मौत हो गयी क्योंकि तीन घंटें तक उसका खून बहता रहा और डॉक्टरों ने इलाज नहीं की। इस बात के खिलाफ ज्वाइंट प्लेटफार्म ऑफ डाक्टर्स वेस्ट बेंगाल ने मांग की है कि सीएम ममता बनर्जी की सरकार तुरंत इस्तीफा दें क्योंकि वे झूठ का प्रचार कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी इस मामले में पीड़िता को न्याय दिलाकर रहेगी, भले ही ममता बनर्जी की सरकार लोगों को डराने- धमकाने का प्रयास करे।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने मीडिया के सवाल पर कहा कि राहुल गांधी पार्ट टाइम नेता हैं। विपक्ष का नेता बनने के बाद उनके कंधों पर जनता ने जो जिम्मेदारी दी है, वह लोकतंत्र पर काला धब्बा है। उन्हें यह भी नहीं पता कि विदेशी धरती पर क्या बोलना है? वे चीन के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल पाए। वे भारत को एक कमजोर देश के रूप में पेश करते हैं। हमने बार-बार मांग की है कि कांग्रेस पार्टी ने चीन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और राहुल गांधी उसे समझौता को सार्वजनिक करें, क्योंकि वे उस समझौता ज्ञापन के तहत भारत में लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। मैं राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनौती देता हूं कि वे उस समझौता ज्ञापन को जनता के सामने लाएं और मुझे गलत साबित करें।
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