Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Dr Sudhanshu Trivedi (MP).


द्वारा डॉ. सुधांशु त्रिवेदी -
30-10-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

इस बार की दीपावली अद्भुत है,  क्योंकि यह पहली बार है जब रामलला अयोध्या में पूर्ण भव्यता और दिव्यता के साथ अपने मंदिर में विराजमान हैं।

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एक ओर देश के साधु-संत, भक्त और आम जनमानस प्रसन्न होकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को साधुवाद दे रहे हैं, मगर दूसरी ओर विपक्षी दलों के मन का अवसाद उभर कर सामने रहा है।

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कांग्रेस का चुनाव आयोग और ईवीएम पर आरोप हास्यास्पद ही नहीं, संदेहास्पद भी है। कांग्रेस के अंदर सत्ता के मोह का तामसिक अभिमान है किअगर वे जीते तो सही, मगर हारे तो दूसरे की गलती।

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जहां विपक्षी दल जीत जाते हैं, वहां चुनाव आयोग ठीक काम करता है, लेकिन जहां विपक्षी दल को हार का मुंह देखना पड़ता है, वहां ईवीएम गड़बड़ हो जाती है।

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जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग ने बहुत अच्छा काम किया। लेकिन जहां विपक्ष को हार का मुंह देखना पड़ा, वहां ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए गए।

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कांग्रेस कभी मीडिया पर, कभी देश की सेना पर और कभी देश की न्यायपालिका पर संदेह करती है। कांग्रेस के विरुद्ध निर्णय आए तो कहती है देश से लोकतंत्र समाप्त हो चुका है, लेकिन राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाती है तो कहती है लोकतंत्र की जीत है।

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कांग्रेस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर आस्था कम करने के अभियान में लगी है। ऐसा लगता है मानो भारत को कमजोर करने के लिए कांग्रेस किसी भी सीमा तक जा सकती है।

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राहुल गांधी ने कहा था कि मैं वायनाड काअन-ऑफिशियल सांसदरहूंगा। इसअनौपचारिक सांसदकी मानसिकता वाली पार्टी ने देश को 10 वर्षों तक एकअन ऑफिशियल प्रधानमंत्रीभी दिया है और जनता को यह भी लगता है कि राहुल गांधी कहीं कांग्रेस पार्टी केअन-ऑफिशियल अध्यक्षतो नहीं हैं।

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कांग्रेस ने झूठ फैलाया था कि एलआईसी और एसबीआई बर्बाद हो गए हैं, जबकि एलआईसी और एसबीआई ने पिछली तिमाही में अब तक का सर्वाधिक लाभ कमाया है। देश की हर संस्था के बारे मे भय फैलाना किसी बड़े षड्यन्त्र किसी बड़ी डिजाइन का हिस्सा प्रतीत होता है।

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भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज बुधवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी की ओर से समस्त देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं. साथ ही, कांग्रेस द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी के झूठे आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया आने के बाद विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि जहां विपक्षी दल जीत जाते हैं, वहां चुनाव आयोग ठीक काम करता है, लेकिन जहां विपक्षी दल को हार का मुंह देखना पड़ता है, वहां ईवीएम गड़बड़ हो जाती हैं। कांग्रेस के आरोप हास्यास्पद नहीं, बल्कि संदेहास्पद हैं।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि इस बार की दीपावली अद्भुत है, क्योंकि पहली बार रामलला अयोध्या में पूर्ण भव्यता और दिव्यता के साथ अपने मंदिर में विराजमान हैं। हमारे आराध्य भगवान श्रीराम जी का मंदिर बनने के बाद यह दीपावली का पर्व पहली बार मनाया जा रहा है। दुख की बात यह है कि जो लोग राम मंदिर अभियान से द्वेष करते रहे और राम मंदिर के निर्माण को लेकर क्लेश करते रहे, वे लोग इस उजाले के पर्व में भी अपने मन के अंधकार को दूर करने में असफल रहे हैं, इसीलिए लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर उन लोगों के मन का अंधकार हावी होता दिख रहा है।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि एक ओर देश के साधु-संत, भक्त और आम जनमानस प्रसन्न होकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को साधुवाद दे रहे है, मगर दूसरी ओर विपक्षी दलों के मन का अवसाद उभर कर सामने रहा है। हार के बाद भी विपक्ष के सत्ता का मोह उनके दिमाग से जा नहीं रहा है।

 

सुंदरकांड में रावण को हनुमान जी ने यह संकेत करते हुए कहा था किमोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान, भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान।अर्थात आप अपने मन के तामसिक अभिमान को छोड़ो और निर्मल हृदय के साथ प्रभु का भजन करो। कल चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आधारहीन और अनर्गल आरोपों के बारे में 1642 पन्नों का विस्तृत उत्तर दिया है। जो दर्शाता है कि कांग्रेस के अंदर सत्ता के मोह का तामसिक अभिमान है किअगर वे जीते तो सही, मगर हारे तो दूसरे की गलती।कांग्रेस मोहल्ले के उस चंचल बालक की तरह है, जो कहता कि जब तक मैं बल्लेबाजी कर रहा हूँ तो ठीक है, मगर मेरा आउट होना अंपायर की गलती है। कांग्रेस के आरोप हास्यास्पद ही नहीं, संदेहास्पद भी है, क्योंकि इसमें एक डिजाइन और मोटिव नजर आता है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि हरियाणा चुनाव के इर्द-गिर्द ही जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली का चुनाव परिणाम देखा जाए तो विपक्षी पार्टियों के अनुसार, ईवीएम ने ठीक काम किया। 2018 में राजस्थान में भी ईवीएम ने सही काम किया था, मगर 2023 में वहां ईवीएम ने सही काम नहीं किया और अब हरियाणा में ईवीएम ने गलत काम किया। ‘99 के नशे में, सत्ता को अपनी मान’ लेने के अहंकार में, जो नशे में गाड़ी चला रहे थे, उसके एक्सीडेंट के लिए दूसरों को दोष देने वाले बिगड़े दिल शहजादे जैसी दिमाग की मानसिकता से कांग्रेस पार्टी को बाहर जाना चाहिए। देश की प्रबुद्ध जनता, इस प्रकार के हास्यास्पद तर्कों को संदेहास्पद दृष्टि से देख रही है। पिछले वर्ष तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग ने अच्छा काम किया, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी ईवीएम ने ठीक काम किया और विपक्ष के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग ने बहुत अच्छा काम किया। परंतु जहां विपक्ष हार गया, वहां चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए गए। भाजपा देश की तकनीकी और संवैधानिक संस्था के द्वारा दिए गए उत्तर पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। मगर इसके राजनीति और नैतिक पक्ष पर सवाल पूछना चाहती है।

 

आखिर कांग्रेस पार्टी ने अपनी विचारधारा ऐसी क्यों बना ली है कि वो भारत की हर लोकतांत्रिक संस्था के विषय में संदेह उत्पन्न करके देश में अराजकता उत्पन्न करना चाहती है?  डेढ़ वर्ष पहले राहुल गांधी ने विदेश में जाकर कहा था कि भारत में लोकतंत्र समाप्त हो चुका है। कांग्रेस कभी मीडिया पर, कभी देश की सेना पर और कभी देश की न्यायपालिका पर संदेह करती है। कांग्रेस के विरुद्ध निर्णय आए तो देश की न्यायपालिका पर संदेह करती है लेकिन राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाती है तो कहते हैं लोकतंत्र की जीत है। कुछ दिनों पूर्व राहुल गांधी ने कहा था कि मैंअन ऑफिशियल सांसदरहूंगा। इसअनौपचारिक सांसदकी मानसिकता वाली पार्टी ने देश को 10 वर्षों तक एकअनऑफिशियल प्रधानमंत्रीभी दिया है और उनको लेकर जनता में यह भी शक है कि कहीं वे पार्टी केअनऑफिशियल अध्यक्षतो नहीं, जो आज एकऑफिशियल कॉन्स्टिट्यूशनल संस्थापर प्रश्न उठा रहे हैं। क्या यह संभव है कि किसी संसदीय क्षेत्र में कोई दूसरा व्यक्ति यह कहे कि यहां से प्रतिनिधि कोई और है लेकिन अनऔपचारिक प्रतिनिधित्व कोई और करेगा। ऐसे विचारों से देश की जनता को सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है। इसी कांग्रेस ने झूठ फैलाया था कि एलआईसी और एसबीआई बर्बाद हो गए हैं, जबकि एलआईसी और एसबीआई ने पिछली तिमाही में अब तक का सर्वाधिक लाभ कमाया है। देश की हर संस्था के बारे मे भय फैलाना किसी बड़े षड्यन्त्र और किसी बड़ी डिजाइन का हिस्सा प्रतीत होता है, इस लिए चुनाव आयोग के उत्तर के बाद भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस से यह उम्मीद करती है कि वह माफी मांगेगी।

 

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश की जनता से यह अनुरोध करना चाहती है कि इस प्रकाश-पर्व पर अंधकार फैलाने वालों से सावधान रहें। कांग्रेस पार्टी द्वारा भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को कलंकित करने का प्रयास पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। कांग्रेस को देश की किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आस्था नहीं है और भारत को कमजोर करने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। भारत के इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा, जब चुनाव आयोग की तरफ से इतना विस्तृत जवाब किसी राजनीतिक दल को दिया गया हो, जिसमें एक सतर्कता पूर्ण टिप्पणी भी है कि इस प्रकार की चीजों से हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है। चुनाव आयोग के इस विस्तृत निर्णय के बाद कांग्रेस को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। 

 

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