भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं केंद्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड में लगभग 3,237 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर करते हुए पानी घोटाला के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहाराया।
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भाजपा ने सीएम केजरीवाल से दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग की । अगर सीएम अरविंद केजरीवाल इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराएंगे तो पार्टी दिल्ली के उप राज्यपाल से इस घोटाले की सीबीआई जांच करने की मांग करेगी ।
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भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में दिल्ली जल बोर्ड में लगभग 3,237 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर करते हुए “पानी घोटाला” के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहाराया, जिन्होंने दिल्ली की जनता को पानी-पानी कर दिया।
उन्होंने सीएम केजरीवाल से दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर सीएम अरविंद केजरीवाल इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराएंगे तो दिल्ली के उपराज्यपाल से इस घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग करेंगे। उन्होंने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ गयी है, इसके बावजूद 70 हजार करोड़ रुपए का घाटा दिखाया जा रहा है, यह कैसी दुकानदारी है? अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में पानी घोटाले के लिए जवाब देना होगा।
श्रीमती लेखी ने अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार नए-नए तरीके से घोटाले कर रही है, जो इन पंक्तियों को चरितार्थ करती है-“हाय तौबा, हाय अल्लाह, केजरीवाल ने किया एक और नया घोटाला।“ दिल्ली की जनता पहले से केजरीवाल सरकार में शराब घोटाले, शीशमहल घोटाला, बिजली बिल घोटाला, स्कूल के कमरे निर्माण घोटाला, ट्रांसपोर्ट घोटाला, विज्ञापना घोटाला, जेल घोटाला आदि कई घोटाले देख चुकी है और अब दिल्ली जल बोर्ड घोटाला उनके सामने आ गया है।
दिल्ली जल बोर्ड के बैंक एकाउंट के स्टेटमेंट एवं वित्तीय रिपोर्ट का जिक्र करते हुए श्रीमती लेखी ने कहा कि वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच दिल्ली जल बोर्ड ने वित्तीय खर्च के बारे में कई जानकारियां छिपायी हैं। वर्ष 2017-18 के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के एकाउंट का डिटेल डिक्लरेशन भी सही ढंग से नहीं किया गया है। दिल्ली जल बोर्ड में इसी तरह के कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आयी है।
· दिल्ली जल बोर्ड ने अपने 450 से अधिक बैंक एकाउंट्स में से लगभग 110 एकाउंट्स के बैलेंस को अपनी बैलेंस शीट में दिखाया ही नहीं है। इसमें 77 बैंक एकाउंट्स में लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पड़ी हुई है। कई एकाउंटस के आगे शून्य बैलेंस दिखाया गया है जबकि उस एकाउंट में करोड़ों रुपए पड़े हुए हैं।
· दिल्ली जल बोर्ड के हिसाब किताब में लगभग 300 करोड़ रुपए के लेन-देन की जानकारी ही नहीं है। जल बोर्ड की 2018 की वित्तीय रिपोर्ट में 1,167 करोड़ रुपए का हिसाब-किताब ही नहीं है।
· बैंक एडजस्टमेंट के नाम पर लगभग लगभग 117 करोड़ रुपए की एंट्री दिखाई गयी है, जो कहीं से भी जायज नहीं लग रहा है। लगभग 135 करोड़ रुपए की एफडी सर्टिफिकेट्स की जानकारी भी उपलब्ध नहीं हैं। बट्टे खाते में कोई 100-50 रुपये नहीं, बल्कि 117 करोड़ रुपये डाले हुए हैं.
· इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड के वित्तीय स्टेटमेंट में खर्च नहीं होने वाली राशि में लगभग 1,601 करोड़ रुपए दिखाए गए हैं, जबकि दिल्ली जल बोर्ड के बैंक एकाउंट्स में यह राशि कहीं दिख नहीं रही है। सवाल उठता है कि जब पैसा खर्च ही नहीं हुआ, तो वह पैसा बैंक एकाउंट में क्यों नहीं है?
· लगभग 600 करोड़ रुपए के काम के लिए 12 हजार वर्क आर्डर निकालकर काम सौंपा भी दिया गया। शीशमहल घोटाले की तरह दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में भी 5 लाख रुपए और 5 लाख रुपए से कम के काम सौंपे गए, ताकि टेंडर प्रक्रिया में जाना ही नहीं पड़े।
· गैर कानूनी तरीके से वाटर टैंकर्स का भुगतान किया गया, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट कॉस्ट 35 प्रतिशत बढ़ गया। ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली जल बोर्ड ने आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को वाटर सप्लायर्स का काम दिया और गैर कानूनी तरीके से भुगतान भी किया। जबकि अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने से पहले तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित पर आरोप लगाते रहते थे कि दिल्ली में टैंकर्स माफिया को शीला दीक्षित सरकार प्रोत्साहित करती हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने पहले भी दिल्ली जल बोर्ड और केजरीवाल सरकार से पिछले 5 सालों में खर्च किए गए पैसों का विस्तृत ब्योरा देने की मांग की थी, लेकिन अबतक नहीं दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल से कुछ सवाल का जवाब चाहती है-
· अरविंद केजरीवाल वैसे तो सभी फालतू मुद्दों पर बोलते हैं, तो दिल्ली जल बोर्ड घोटाले मामले पर एक प्रेस कांफ्रेंस करके दिल्ली की जनता को सही जानकारी क्यों नहीं देते?
· क्या मंत्री आतिशी मार्लेना दिल्ली जल बोर्ड घोटाले पर अपनी चुप्पी तोडेंगी? वैसे भी दीपावली के बावजूद 72 घंटें में 650 पेज की रिपोर्ट तैयार करने में उन्हें अच्छी खासी महारथ हासिल है?
· क्या दिल्ली सरकार ईमानदारी से इस घोटाले की सीबीआई जांच कराएगी?
· क्या केजरीवाल सरकार अपने मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष पर केस दर्ज कराएगी?
भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार के घोटाले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने टैंकर्स से वाटर सप्लाई के लिए लगभग 250 करोड़ रुपए बढ़ाकर भुगतान किया गया, जबकि इस मद में 637 करोड़ रुपए का ही भगुतान करना था। शराब घोटाले की तरह ही राशि बढ़ाकर भुगतान किया गया, ताकि किक-बैक मिल सके। आम आदमी पार्टी से जुडे़ लोगों को वाटर सप्लाई का कांट्रैक्ट दिया गया, ताकि आसानी से कमीशन मिल सके। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार करने में देश में सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। अरविंद केजरीवाल जहां हाथ लगाते हैं, वहीँ से घोटाला निकलने लगता है।
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