भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य
आज पश्चिम बंगाल की सड़कों पर ममता बनर्जी सरकार और उनकी बर्बर पुलिस द्वारा इंसाफ की मांग कर रहे डॉक्टरों, बंगाल के युवाओं और महिलाओं पर जो हिंसा और दमनकारी चक्र का जो तांडव देखा है, वह निंदनीय तो है ही, साथ ही मानवता को भी शर्मसार करने वाला है।
बंगाल में एक बेटी के साथ निर्ममता की सारी हदें पार कर दी जाती हैं - मगर ममता बनर्जी चुप हैं, स्त्री की अस्मिता को तार-तार कर दिया जाता है मगर ममता बनर्जी चुप हैं, बेटी के माँ बाप को भटकाया जाता है- मगर ममता बनर्जी चुप हैं।
जब देश की युवा शक्ति ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने की कोशिश की, नबन्ना अभियान निकाला, तब ममता बनर्जी को अपने मुख्यमंत्री होने का एहसास हुआ और उन्होंने दोषियों को बचाने के लिए निर्ममता की हदों को पार कर दिया। सरकार ने 6,000 पुलिस जवान तैनात किए। हावड़ा ब्रिज को सील कर दिया।
बंगाल की सड़कों पर देश की युवा शक्ति छात्रों पर लाठी बरसाए गए, water cannons के साथ उनपर प्रहार किया गया। मैं पूछता हूँ 'छात्र समाज' की मांग क्या थी? यही की RG Kar hospital में हुए जघन्य अपराध पर दोषियों पर कार्रवाई हो, बंगाल की बेटी को न्याय मिले। ममता बनर्जी महिला मुख्यमंत्री हो कर भी बंगाल की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने में असफल रही हैं।
बंगाल में ममता बनर्जी ने निर्ममता और तानाशाही की सारी हदें पार कर दी है। चाहे भाजपा के कार्यकर्ताओ की निर्मम हत्या हो, संदेशखाली और RG Kar medical college केस में दोषी को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन की मिलीभगत हो, सभी मामलों में बंगाल की मुख्यमंत्री का तानाशाह रवैया देखने को मिला है। ममता ऐसे गुनहगारों को बचने का प्रयास कर रही हैं, इसमें उनकी क्या मजबूरी है।
कोलकाता और पूरे पश्चिम बंगाल की गलियों में ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ हजारों विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जहां आम लोग ममता बनर्जी के खिलाफ अपने घरों से बाहर निकल आए हैं. सामान्य नागरिकों की भावना को ध्यान में रख कर, भाजपा ने कल सुबह 6 बजे से 12 घंटे के लिए बंगाल बंद का आह्वान किया है।
हमे विश्वास है कि बंगाल की जनता हमारे साथ कल खड़ी रहेगी- और ममता बनर्जी के घमंड को चूर–चूर करेगी।
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