भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ कमिटी के अध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें इस विषय पर पार्टी की ओर से सुझाव सौंपे
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज पूर्व राष्ट्रपति एवं ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ कमिटी के अध्यक्ष श्री रामनाथ कोविंद जी से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ के लिए व्यापक परामर्शी दृष्टिकोण अपनाए हैं। उन्होंने इस विषय पर पार्टी की ओर से सुझाव सौंपे। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ लागू होने से देश को कई दृष्टि से लाभ मिलेगा।
ज्ञात हो कि पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता वाली ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ कमिटी ने देश के सभी राजनीतिक पार्टियों से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने को लेकर सुझाव मांगे थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा जी ने श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात करके अपनी पार्टी की ओर से उन्हें ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ पर सुझाव दिए।
श्री नड्डा ने कहा कि ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ सिर्फ बहस का मुद्दा नहीं है, बल्कि आज यह भारत की जरूरत है। इस मसले पर गहन विचार-विमर्श और अध्ययन करके आगे बढ़ना ही उचित होगा। सभी राजनीतिक पार्टियाँ इस मुद्दे पर आम सहमति पर पहुंचे, तो चुनाव प्रक्रिया अपनाने में ज्यादा अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ कमिटी के अध्यक्ष श्री रामनाथ कोविंद जी इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि देश में निरंतर चुनाव होने के कारण देश के मानव संसाधन पर अतिरिक्त बोझ पड़ने से वित्तीय बोझ भी बढ़ता है। अक्सर मतदान प्रक्रिया होने की वजह से विकास कार्य पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ अर्थात “एक देश-एक चुनाव” का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ ही हों। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले भंग कर दी गईं। इसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दिया गया। इस वजह से एक देश एक चुनाव की परम्परा टूट गई। एक बार फिर से आम सहमति द्वारा ‘वन नेशन एंड वन इलेक्शन’ यदि लागू होती है, तो इससे देश लाभान्वित होगा।
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